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खोने को नहीं है
सब कुछ सही है
होना ना क़ाबू
मेरे ख़िलाफ़ तू
दिल ये मेरा, कब से कह रहा
सुनाई ना दे मुझे, हूँ मैं बहरा
लिख के सह रहा, सबसे गहरा
ज़िंदगी है सही, ये मैं हँस के कह रहा
दिल ये मेरा, कब से कह रहा
सुनाई ना दे मुझे, हूँ मैं बहरा
लिख के सह रहा, सबसे गहरा
ज़िंदगी है सही, ये मैं हँस के कह रहा
Uh, अकेले बैठ के सोचूँ ये
क्या अकेला था इससे पहले मैं
सोच के सोच बदलती नहीं
ये दुनिया बदल जाती, कह दूँ मै
क़ैद हूँ इस दुनिया के हाथों में
ना-समझ ये, समझ नहीं पाते हैं
हग देता सबको मैं बातों में
इन हाथों से क़िस्मत बना दूँ मैं
पूछे ये, मुझे ये
क्या है दिखता इन्हें मुझमें?
पूछूँ मैं, सोचूँ मैं
ख़ुद ही में ढूँढूँ सुब कुछ मैं
आते ये, वादे ये
करके नहीं सारे निभाते ये
ख़ुश हूँ मैं, अब पूछूँ मैं
इन सभी को भाता नहीं कुछ है
बली के बकरे बने हम
ये समय बस हमारा चारा है
पता चले तो फिर मिले ग़म
ये सहमा सा वक़्त हमारा है
दो पल है ज़िंदगी, जी लो सब
ना आते ये लम्हें कुछ पल के
करोगे याद इन्हें तभी जब
भीगी हो तुम्हारी पलकें
दिल ये मेरा, कब से कह रहा
सुनाई ना दे मुझे, हूँ मैं बहरा
लिख के सह रहा, सबसे गहरा
ज़िंदगी है सही, ये मैं हँस के कह रहा
दिल ये मेरा, कब से कह रहा
सुनाई ना दे मुझे, हूँ मैं बहरा
लिख के सह रहा, सबसे गहरा
ज़िंदगी है सही, ये मैं हँस के कह रहा
मीठी बातें करे, फीकी बातें
ये fake है, मारूँ इनके मुँह पे चाटें
ये बनते, सारे बंदे लेके आते
अकेले भागे, पर ये मुँह पे खाते
इसकी बातें, करें उसकी बातें
जब ख़ुद पे अती तो ना कर ये पाते
ये खाते सारे, खाके फिर ये चाटें
ये बनते प्यारे, पर ये पीछे काटें हैं
Peace out