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देखो ना ज़रा देखो ना
तुम हो मैं हूँ
और यह तनहाईयाँ हैं
देखो ना ज़रा देखो ना
कैसी नरम सी ये परछाइयाँ हैं
सुनो ज़रा, सुनो ज़रा
धड़कनों की सदा
सुनो ज़रा, सुनो ज़रा,
गीत खामोशी का
सुनो ज़रा, सुनो ज़रा,
कहती है रात क्या
रात है ले के आई
कितने अरमान अंजाने
कहती है सौ अफ़साने
सुनता हूँ मैं
रात ने ली अंगड़ाई
अनहोनी बात है होती
बिखरे हैं जैसे मोती
चुनता हूँ मैं
तुमने यह क्या कह दिया
मेरी आँखों में दिये हैं जैसे जल गए
तुमने ये क्या कह दिया
मेरी रातों के अंधेरे जैसे ढल गए
तुमसे ही तो मिल के
मैने जाना है सपने क्या होते हैं
तुमसे ही तो मिल के
मैने जाना है दिल कैसे खोते हैं
चाँदनी से भी प्यारी
मुझको इन पलकों की छाँव
तुमने बसाया मेरे दिल
में इक सपनों का गाँव
तुमने मुझको चाहा तो
मौसम रंग छलकाता है
हर पंछी अब गाता है मेरे लिए
तुमने मुझको चाहा तो जीवन की सारी राहें
खोले हैं अपनी बाँहें मेरे लिए
देखो ना ज़रा देखो ना
तुम हो मैं हूँ
और यह तनहाईयाँ हैं
देखो ना ज़रा देखो ना
कैसी नरम सी ये परछाइयाँ हैं
तुम बिन दिन सूने थे
रातें सूनी थी वीरानी थी छाई
अब जैसे दिन चमके रातें
महकी हैं तुम हो जो हमराही
तुम बिन जैसे मैं थी अधूरी
पूरी हो गयी हूँ मैं
तुमको पा के जग पाया है
पर खुद खो गयी हूँ मैं
हम दोनों ने अब जाना
जीने का मतलब क्या है
पहले क्या थी अब क्या है ये ज़िंदगी
हम दोनों ने अब जाना
दुनिया कितनी प्यारी है
पाई कितनी सारी है हमने खुशी
देखो ना ज़रा देखो ना
तुम हो मैं हूँ
और यह तनहाईयाँ हैं
देखो ना ज़रा देखो ना
कैसी नरम सी ये परछाइयाँ हैं
सुनो ज़रा, सुनो ज़रा
धड़कनों की सदा
सुनो ज़रा, सुनो ज़रा
गीत खामोशी का
सुनो ज़रा, सुनो ज़रा
कहती है रात क्या