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हौले से, धीमे से
मुझ को बाँहों में भर लो ना तुम
नर्म सी साँसों में
मुझ को आहों में भर लो ना तुम
सुन ज़रा, मेरे पास आ
अब बैठे हैं हम भी यहाँ
दिल के दरमियाँ
बारिशें हैं, बारिशें हैं
तेरी ही बातों पे मैंने
सज़ा ली है दुनिया यहाँ
दिल के दरमियाँ
बारिशें हैं, बारिशें
अब तू आती है, बुलाती है
बिस्तर से यूँ गिराती है
कि सोऊँ मैं बाँहों में बस तेरी
जब बारिशें बरसती हैं
पागल जैसे थिरकती है
तुम जैसी हो, बस वैसी ही रहो