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‘अगर तुम साथ हो’ (Agar Tum Saath Ho) एक लोकप्रिय हिंदी गाना है जो फिल्म **तमाशा** से है। इस गाने को प्रसिद्ध गायिका शालमली खोलगड़े ने अनप्लग्ड संस्करण में प्रस्तुत किया है। शालमली की मधुर आवाज़ और सरल संगीत ने इस गाने को एक नया रूप दिया है, जिससे श्रोता इसे और भी अधिक पसंद कर रहे हैं। यह अनप्लग्ड संस्करण गाने की भावनाओं को और गहराई से व्यक्त करता है, जो दर्शकों के दिलों को छूता है। अगर आप संगीत के सच्चे प्रेमी हैं, तो शालमली खोलगड़े का यह प्रस्तुति अवश्य सुने।
पल भर ठहर जाओ
दिल ये संभल जाए
कैसे तुम्हे रोका करूँ
मेरी तरफ आता
हर ग़म फिसल जाए
आँखों में तुम को भरूँ
बिन बोले बातें तुमसे करू
अगर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो.
तेरी नज़रों में
है तेरे सपने
तेरे सपनो में
है नाराज़ी
मुझे लगता है
के बातें दिल की
होती लफ़्ज़ों की धोकेबाज़ी
तुम साथ हो या न हो
क्या फर्क है
बेदर्द थी ज़िन्दगी
बेदर्द है
अगर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो.
बहती रहती
नहर नदिया सी
तेरी दुनिया में
मेरी दुनिया है
तेरी चाहतों में
मैं ढल जाती हूँ
तेरी आदतों में
अगर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
पलकें झपकते
ही दिन ये निकल जाए
बैठी बैठी भागि फिरूं
मेरी तरफ आता
हर ग़म फिसल जाए
आँखों में तुम को भरू
बिन बोले बातें
तुमसे करूँ
अगर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
तेरी नज़रों में
है तेरे सपने
तेरे सपनो में
है नाराज़ी
मुझे लगता है
के बातें दिल की
होती लफ़्ज़ों की धोकेबाज़ी
तुम साथ हो या न हो
क्या फर्क है
बेदर्द थी ज़िन्दगी बेदर्द है
अगर तुम साथ हो
अगर तुम साथ हो
हर ग़म फिसल जाए.