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"प्यार, इश्क़ और मोहब्बत" 2001 में रिलीज़ हुई एक हिंदी फिल्म है, जिसमें अलका याग्निक ने मधुर स्वर में गीत गाया है। इस गाने को संगीतकार अरुण जौहर ने संगीतबद्ध किया है और बोल मुकेश ने लिखे हैं। गीत की लिरिक्स और मेलोडी ने दर्शकों के दिलों में जगह बना ली है, जिससे यह आज भी लोकप्रिय है। फिल्म की रोमांटिक कहानी के साथ यह गीत प्रेम की गहराईयों को उजागर करता है और संगीत प्रेमियों द्वारा खास तौर पर पसंद किया जाता है।
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत
जो भी इनका नाम ले, पहले दिल को थाम ले
नाम लेने से ही क़यामत हो जाती है
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत
जो भी इनका नाम ले, पहले दिल को थाम ले
नाम लेने से ही क़यामत हो जाती है
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत
♪
हमको भी रोग ये लग जाए अगर
ऐसा हो तो हो क्या? ऐसा क्यूँ हो मगर?
जिसने भी ये दिल दिया, जिसने भी ये ग़म लिया
कुछ ना पूछो उसकी बातें, लंबी-लंबी काली रातें
उसकी आँखों से नींद रुख़्सत हो जाती है
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत
♪
इस जगह हम मिले, फूल दिल में खिले
क्या ख़बर, क्या पता हम में, तुम में हो क्या
बातों-बातों में कभी, आँखों-आँखों में कभी
चार दिन की दोस्ती में, एक ज़रा सी दिल्लगी में
बस किसी एक दिन शरारत हो जाती है
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत
जो भी इनका नाम ले, पहले दिल को थाम ले
नाम लेने से ही क़यामत हो जाती है
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत
प्यार, इश्क़ और मोहब्बत