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Tu Hi Haqeeqat - Reprise - JalRaj

Tu Hi Haqeeqat - Reprise

JalRaj

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03:49

Song Introduction

‘Tu Hi Haqeeqat - Reprise’ जैलराज द्वारा प्रस्तुत एक भावपूर्ण हिंदी गीत है। यह गीत प्रेम की गहराइयों और सच्चाई की खोज को दर्शाता है, जिसमें जैलराज की मधुर आवाज़ और संवेदनशील संगीत ने इसे विशेष बना दिया है। इस रीप्राइज संस्करण में शुरुआती भावनाओं को और भी गहराई से व्यक्त किया गया है, जिससे श्रोताओं पर एक स्थायी प्रभाव पड़ता है। गीत के बोल और संगीत ने दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बना ली है, और यह विभिन्न संगीत प्लेटफार्मों पर खूब सराहा गया है।

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Lyric

कब भला अब ये वक्त गुज़रे? कुछ पता चलता ही नहीं

जब से मुझ को तू मिला है, होश कुछ भी अपना नहीं

उफ़, ये तेरी पलकें घनी सी, छाँव इनकी है दिल-नशीं

अब किसे डर धूप का है? क्योंकि है ये मुझ पे बिछी

तेरे बिना ना साँस लूँ, तेरे बिना ना मैं जियूँ

तेरे बिना ना एक पल भी रह सकूँ, रह सकूँ

तू हमसफ़र, तू हमक़दम, तू हमनवा मेरा

तू हमसफ़र, तू हमक़दम, तू हमनवा मेरा

आ, तुझे इन बाँहों में भर के और भी कर लूँ मैं क़रीब

तू जुदा हो तो लगे है आता-जाता हर पल अजीब

इस जहाँ में है और ना होगा मुझ सा कोई भी खुशनसीब

तूने मुझ को दिल दिया है, मैं हूँ तेरे सब से क़रीब

मैं ही तो तेरे दिल में हूँ, मैं ही तो साँसों में बसूँ

तेरे दिल की धड़कनों में मैं ही हूँ, मैं ही हूँ

तू हमसफ़र, तू हमक़दम, तू हमनवा मेरा

तू हमसफ़र, तू हमक़दम, तू हमनवा मेरा

- It's already the end -