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"मेरे निशान" फिल्म "ओह माय गॉड" से एक लोकप्रिय गीत है, जिसे प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने अपनी अद्वितीय आवाज में प्रस्तुत किया है। इस गीत को संगीत में झानिर और संगीतकार इरफान अमीन ने सजाया है, जो फिल्म की भावनात्मक कहानी को बेहतरीन तरीके से उभारता है। "मेरे निशान" ने संगीत प्रेमियों के बीच विशेष स्थान पाया है और इसके बोल गहन अर्थों से भरपूर हैं। यह गीत फिल्म की सामाजिक संदेश को भी प्रभावी ढंग से दर्शाता है, जिससे दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ता है।
मैं तो नहीं हूँ इंसानों में
बिकता हूँ मैं तो इन दुकानों में
मैं तो नहीं हूँ इंसानों में
बिकता हूँ मैं तो इन दुकानों में
दुनिया बनाई मैंने हाथों से
मिट्टी से नहीं, जज़्बातों से
फिर रहा हूँ ढूँढता
मेरे निशाँ है कहाँ?
मेरे निशाँ है कहाँ?
मेरे निशाँ...
हो-हो-हो, मेरे निशाँ (मेरे निशाँ)
हो-हो-हो, मेरे निशाँ (मेरे निशाँ)
♪
तेरा ही साया बनके तेरे साथ चला मैं
जब धूप आई तेरे सर पे तो छाँव बना मैं
तेरा ही साया बनके तेरे साथ चला मैं
जब धूप आई तेरे सर पे तो छाँव बना मैं
राहों में तेरी रहा मैं हमसफ़र की तरह
उलझा है फिर भी तू उजालों में
ढूँढे सवालों को जवाबों में
खोया हुआ है तू कहाँ? (तू कहाँ)
मेरे निशाँ है कहाँ?
मेरे निशाँ है कहाँ?
मेरे निशाँ...
हो-हो-हो, मेरे निशाँ (मेरे निशाँ)
हो-हो-हो, मेरे निशाँ (मेरे निशाँ)
♪
मुझसे बने हैं ये पंछी, ये बहता पानी
लेके ज़मीं से आसमाँ तक मेरी ही कहानी
मुझसे बने हैं ये पंछी, ये बहता पानी
लेके ज़मीं से आसमाँ तक मेरी ही कहानी
तू भी है मुझसे बना, बाँटे मुझे क्यूँ यहाँ?
मेरी बनाई तक़दीरें हैं (तक़दीरें हैं)
साँसों भरी ये तस्वीरें है
फिर भी हैं क्यूँ बेज़ुबाँ? (बेज़ुबाँ)
मेरे निशाँ है कहाँ? (मेरे निशाँ है कहाँ?)
मेरे निशाँ है कहाँ? (मेरे निशाँ...)
मेरे निशाँ...
हो-हो-हो, मेरे निशाँ (मेरे निशाँ)
हो-हो-हो, मेरे निशाँ (मेरे निशाँ)