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"डो़री" अतिफ़ असलम का एक बेहद लोकप्रिय हिंदी गीत है, जो 2006 में उनके डेब्यू एल्बम "जल परी" में शामिल हुआ था। इस गाने में भावनात्मक प्रेम और दूरी की कहानी को खूबसूरती से पेश किया गया है। अतिफ़ असलम की मधुर आवाज़ और आकर्षक संगीत ने इसे श्रोताओं के बीच विशेष स्थान दिलाया। "डो़री" ने भारतीय उपमहाद्वीप में खूब सराहना प्राप्त की और आज भी यह गाना संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी खास जगह बनाए हुए है। इसकी संगीत वीडियो ने भी दर्शकों को अपने आकर्षक दृश्यावली के माध्यम से प्रभावित किया।
दूरी
दूरी
दूरी
सही जाये न
सही जाये न
सही जाये न
सही जाये न
खामोशियाँ ये सह न सकूं
आवाज दे के मुझे तू दे जा सुकून
खामोशियाँ ये सह न सकूं
आवाज दे के मुझे तू दे जा सुकून
दूरी
दूरी
सही जाये न
सही जाये न
सही जाये न
सही जाये न
अधूरा हूँ मैं अब
तेरे बिना
अधूरी मेरी ज़िंदगानी
रह जायेगी
अधूरा हूँ मैं अब
तेरे बिना
अधूरी मेरी ज़िंदगानी
रह जायेगी
दूरी
दूरी
सही जाये न
सही जाये न
सही जाये न
सही जाये न
हर राह में तू आये नज़र
कटता नहीं अब अकेले तनहा सफर
हर राह में तू आये नज़र
कटता नहीं अब अकेले तनहा सफर
दूरी
दूरी
सही जाये न
सही जाये न
सही जाये न
सही जाये न