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Daulat Shohrat (original mix) - Kailash Kher

Daulat Shohrat (original mix)

Kailash Kher

00:00

06:22

Song Introduction

कैलाश खेर का गाना "दौलत शोहरत (ओरिजिनल मिक्स)" एक भावपूर्ण और गहन संगीत के साथ प्रस्तुत किया गया है। इस गाने में कैलाश खेर की खास आवाज़ में पारंपरिक और आधुनिक संगीत का सुंदर मिश्रण देखने को मिलता है। "दौलत शोहरत" में धन और प्रसिद्धि के प्रभावों पर गहराई से विचार किया गया है, जो सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन पर उनके प्रभाव को उजागर करता है। इस ओरिजिनल मिक्स ने श्रोताओं में खूब सराहना बटोरी है और कैलाश खेर के संगीत शैली में एक नई जान डाल दी है। गाने के बोल और धुन दोनों ही आकर्षक हैं, जो इसे संगीत प्रेमियों के बीच लोकप्रिय बना रहे हैं।

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Lyric

दौलत-शोहरत क्या करनी? तेरे प्यार का सहारा काफ़ी है

दौलत-शोहरत क्या करनी? तेरे प्यार का सहारा काफ़ी है

ये महल-अटारी नहीं चाहिए...

ये महल-अटारी नहीं चाहिए, तेरे दिल में गुज़ारा काफ़ी है

दौलत-शोहरत क्या करनी? तेरे प्यार का सहारा काफ़ी है

मेरे सनम, मुझे तेरी क़सम

मेरी जान भी तू, ईमान भी तू

तेरे दम से है मेरा दम

जान भी तू, अंजान भी तू

पैसा-वैसा क्या करना मुझे?

पैसा-वैसा क्या करना मुझे? तेरा नज़ारा काफ़ी है

दौलत-शोहरत क्या करनी? तेरे प्यार का सहारा काफ़ी है

ये महल-अटारी नहीं चाहिए...

ये महल-अटारी नहीं चाहिए, तेरे दिल में गुज़ारा काफ़ी है

प्यार-मोहब्बत से दुनिया में

कुछ बढ़कर होता भी नहीं

दौलत जाए तो जाए

कोई प्यार बिना रोता भी नहीं

ऐश-ओ-मसर्रत नहीं चाहिए मुझे...

ऐश-ओ-मसर्रत नहीं चाहिए, तेरे प्यार का सहारा काफ़ी है

दौलत-शोहरत क्या करनी? तेरे प्यार का सहारा काफ़ी है

प्यार तो है एहसास जहाँ पर

वो जीते बस जो हारे

खेल नहीं कोई शर्त नहीं

एक आग है तो जलता जा रे

ताज-हुकूमत नहीं चाहिए मुझे...

ताज-हुकूमत नहीं चाहिए, तेरे नाम का सहारा काफ़ी है

दौलत-शोहरत क्या करनी? तेरे प्यार का सहारा काफ़ी है

महल-अटारी नहीं चाहिए, तेरे दिल में गुज़ारा काफ़ी है

दौलत-शोहरत क्या करनी?

क्या करनी? क्या करनी?

- It's already the end -