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"जब कोई बात बिगड़ जाए" फिल्म "जुर्म" का एक लोकप्रिय हिंदी गीत है, जिसे कुमार सानू और साधना सरगम ने गाया है। इस गीत के बोल गुलजार ने लिखे हैं और संगीत आनंद-शंकर ने दिया है। 1990 में रिलीज़ हुई यह फिल्म और इसका संगीत दर्शकों में बेहद पसंद किया गया था। "जब कोई बात बिगड़ जाए" अपनी मधुर धुन और संवेदनशील बोलों के लिए जाना जाता है, जिसने प्रेम और समझदारी के संदेश को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया है। इस गीत ने उस समय के बॉलीवुड संगीत में महत्वपूर्ण स्थान बनाया था और आज भी इसे क्लासिक के रूप में सराहा जाता है।
जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा
जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा
ना कोई है, ना कोई था
ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा
♪
हो चाँदनी जब तक रात, देता है हर कोई साथ
तुम मगर अँधेरों में ना छोड़ना मेरा हाथ
हो चाँदनी जब तक रात, देता है हर कोई साथ
तुम मगर अँधेरों में ना छोड़ना मेरा हाथ
जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा
ना कोई है, ना कोई था
ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा
♪
वफ़ादारी की वो रस्में, निभाएँगे हम-तुम क़समें
एक भी साँस ज़िंदगी की जब तक हो अपने बस में
वफ़ादारी की वो रस्में, निभाएँगे हम-तुम क़समें
एक भी साँस ज़िंदगी की जब तक हो अपने बस में
जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा
ना कोई है, ना कोई था
ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा
♪
दिल को मेरे हुआ यक़ीं, हम पहले भी मिले कहीं
सिलसिला ये सदियों का, कोई आज की बात नहीं
दिल को मेरे हुआ यक़ीं, हम पहले भी मिले कहीं
सिलसिला ये सदियों का, कोई आज की बात नहीं
जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा
जब कोई बात बिगड़ जाए
जब कोई मुश्किल पड़ जाए
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा
ना कोई है, ना कोई था
ज़िंदगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा
तुम देना साथ मेरा, ओ, हमनवा