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‘अपुन जैसे टपोड़ी’ फिल्म **मुन्नाभाई एमबीबीएस** का एक लोकप्रिय गाना है, जिसे विंदोद राठौड़ ने गाया है। इस गाने की संगीत जतीन-ललित ने तैयार की है और बोल स्वानंद किर्किरे ने लिखे हैं। गाना मुख्य पात्र मुन्नाभाई के मज़ेदार और चटपटी स्वभाव को दर्शाता है, जिसने दर्शकों में खूब धूम मचा दी। इसकी लय और बोल ने फिल्म की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह आज भी कई लोगों के पसंदीदा गानों में से एक है।
अपुन जैसे टपोरी को क्या मालूम
साला प्यार किस चिड़िया का नाम है
लुक्खा गिरि करके अपना time-pass होता है
बीड़ी-पान, चाय मिलता है, बस अपुन खुश
ये प्यार का लफड़ा लोचा काय को, काय को?
अरे काय को रे?
फिर बोले तो एक दिन अपुन के मोहल्ले में हेमा आई
साला अपुन का खोपड़ी चक्कर खा गया
Truck के साथ दिल साला टक्कर खा गया हे
हे...
चाएला क्या सूरत थी वो क्या कहते हैं (क्या कहते हैं)
हाँ जुल्फें, क्या जुल्फें थी
चलती थी एक दम हवा के माफिक
आँखें ऐसी की रुका दे traffic
अपुन सोचा, अपुन का बेड़ा पार हो गया
बोले तो बाप, साला अपुन को भी प्यार हो गया
♪
दिन भर अपुन उसकी खिड़की के निचु
कोई लफड़ा नहीं, कुछ नहीं
तीन दिन न अज़ीश से लड़ा, न उस्मान से पंगा, बस चुप-चाप
पहली बार लड़की देखी (पर सीटी नहीं मारी)
हे, आँखें मिल भी जाती तो (तो क्या आँख नहीं मारी?)
♪
अपनु का बीड़ु लोग साला डर गया
बोला, क्या बे मुन्ना सला तू भी सुधर गया
♪
फिर एक दिन उसको देख के कल्लन बोला
ए मुन्ना भाई वो देख क्या क़यामत जा रे ली है बाप
अपुन का खोपड़ी सनका
कल्लन को पकड़ा और बोला, इधर आ शाने तेरे को क़यामत दिखाता हूँ
साले को इतना धोया, इतना धोया
अभी तक थोबड़ा वांकड़ा है
और आज तक अपुन के साथ ३६ का आंकड़ा है
समझा, समझा क्या?
(फिर हेमा का क्या हुआ?)
♪
फिर एक दिन वो अपुन के देख के हंसी
अपुन बोला बाप हंसी तो फंसी
लगता का है वो भी अपुन पे फिदा हो गयी
दो दिन के बाद उसकी शादी हो गयी
♪
अपुन के सामने वो घर से विदा हो गयी
उसकी डोली उठी अपुन, अपुन उधर इच खड़ा था
लेकिन वो अपुन को नहीं देखी
वो रात अपुन दो बजे तक पिया
वो रात अपुन दो बजे तक पिया
साला एक, एक सपना देखा था
लेकिन माँ कसम, मैं एक आँसू नहीं रोया
काए को रोएगा, कोए को रोएगा
साला अपुन इच येड़ा था न
अगले दिन वाहिच पहले के माफिक life चालू
वाहिच गंदे glass में चाय, वाहिच पान-बीड़ी
अज़ीश को इतना मारा, इतना मारा लोग समझे वो मरेगा
भूलने का है, भूलने का है पर क्या करेगा
सपना टूटा है तो दिल कभी जलता है
हाँ थोड़ा दर्द हुआ पर चलता है
सपना टूटा है तो दिल कभी जलता है
हाँ थोड़ा दर्द हुआ पर चलता है
(फिर, फिर क्या हुआ?)
फिर, फिर क्या, अगले दिन अपने मोहल्ले मैं ऐश्वर्या आई
♪
अपना खोपड़ी फिर चक्कर खा गया
फिर truck के साथ, फिर टक्कर खा गया
चाएला क्या सूरत थी...
ऐ, आँखें ऐसी के...
ऐ मुन्ना भाई, तेरे दिल का traffic फिर से रुका क्या?