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Socho Ke Jheelon - Udit Narayan

Socho Ke Jheelon

Udit Narayan

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05:05

Song Introduction

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Lyric

देखो, देखो, क्या मैं देखूँ?

सोचो, सोचो, सोचूँ मैं क्या?

सोचो कि झीलों का शहर हो

लहरों पे अपना एक घर हो

सोचो कि झीलों का शहर हो

लहरों पे अपना एक घर हो

हम जो देखें सपने प्यारे

सच हों सारे, बस और क्या?

सोचो कि झीलों का शहर हो

लहरों पे अपना एक घर हो

हम जो देखें सपने प्यारे

सच हों सारे, बस और क्या?

फ़र्श हो प्यार का, ख़ुशबुओं की दीवारें

हम जहाँ बैठ के चैन से दिन गुज़ारें

हाँ, फ़र्श हो प्यार का, ख़ुशबुओं की दीवारें

हम जहाँ बैठ के चैन से दिन गुज़ारें

पलकें उठें, पलकें झुकें

देखे तुझे बस ये नज़र

सोचो कि झीलों का शहर हो

लहरों पे अपना एक घर हो

बुमरो-बुमरो, शाम रंग बुमरो

बुमरो-बुमरो, शाम रंग बुमरो

आए हो किस बगिया से?

ओ-ओ-ओ, ओ-ओ-ओ, तुम

बर्फ़ ही बर्फ़ हो, सर्दियों का हो मौसम

आग के सामने हाथ सेंकते हों हम

बर्फ़ ही बर्फ़ हो, सर्दियों का हो मौसम

आग के सामने हाथ सेंकते हों हम

बैठी रहूँ आग़ोश में

रख के तेरे काँधे पे सर

सोचो कि झीलों का शहर हो

लहरों पे अपना एक घर हो

हम जो देखें सपने प्यारे

सच हों सारे, बस और क्या?

- It's already the end -