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‘कसमें वादे निभाएँगे हम’ गीत 1978 की लोकप्रिय हिंदी फिल्म **कसमें वादे** से है। इस महत्वपूर्ण गाने को मशहूर गायक **किशोर कुमार** ने अपनी बेमिसाल आवाज़ में गाया है। संगीतकार **राजेश रोशन** द्वारा संगीतमय रूप दिया गया और गीतकार **गुलज़ार** ने इसकी लिरिक्स लिखी हैं। यह गीत प्रेम, वफादारी और प्रतिबद्धता की भावनाओं को बखूबी व्यक्त करता है, जिसने तत्कालीन दर्शकों के बीच खासा प्रभाव डाला। इसकी मधुर धुन और सजीली प्रस्तुति आज भी संगीत प्रेमियों में अत्यधिक लोकप्रिय है।
कस्में-वादे निभाएंगे हम
मिलते रहेंगे जनम-जनम
हो कस्में-वादे निभाएंगे हम
मिलते रहेंगे जनम-जनम
ओ देखा मैने तुझको तो मुझे ऐसा लगा
बरसों का सोया हुआ प्यार मेरा जगा
तू है दीया मैं हूँ बाती
आजा मेरे जीवन-साथी
कस्में-वादे निभाएंगे हम
मिलते रहेंगे जनम-जनम
चेहरों से हों अन्जाने हम
दिल तो दिल को पहचाने
कभी प्यार नहीं मरता है
पागल प्रेमी ही जाने
आ जाती है लब पे ख़ुद ही भूली-बिसरी बात
हो कस्में-वादे निभाएंगे हम
मिलते रहेंगे जनम-जनम
तू है मेरे जीने का सहारा
सदियों पुराना है साथ हमारा
तू है दीया मैं हूँ बाती
आजा मेरे जीवन-साथी
हो कस्में-वादे निभाएंगे हम
मिलते रहेंगे जनम-जनम
♪
जिस दिल में प्यार बसा हो
वो दिल भगवान की मूरत
ये मूरत कभी न बदले
बदले इन्सान की सूरत
दिल के बंधन इतने सच्चे
जितने ये दिन रात
हो कस्में-वादे निभाएंगे हम
मिलते रहेंगे जनम-जनम
कस्में-वादे निभाएंगे हम
मिलते रहेंगे जनम-जनम