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मेरे दिल की चौखट से तुझे देखूँ मैं
झिलमिलाती छाया है तू
इस दिल में छुपे हर कोने से हमें देखूँ मैं
हर सँवेरे का सपना है तू
मेरा दिन ना कटे तुझ से बोले बिना
मेरी जाँ रुक सी जाए तुझे देखे बिना
मेरे दिल के ये सपने, समझो ना
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मेरी हर किताब के आख़िर में हैं बस नाम तेरा
यूँ ही लिख के छुपाता फिरूँ
ऐसे ही थम जाए ये लमहा, बस यही चाहूँ मैं
तेरे साथ ही बैठा रहूँ
मेरा दिन ना कटे तुझ से बोले बिना
मेरी जाँ रुक सी जाए तुझे देखे बिना
मेरे दिल के ये सपने, समझो ना