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Dil Ka Pata - Vishal Chandrashekhar

Dil Ka Pata

Vishal Chandrashekhar

00:00

03:49

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Lyric

दुनिया में क्या है जो नायब है?

मीठी-मीठी तेरी हँसी

क़ुदरत में क्या है जो शादाब है?

जहाँ पाँव तेरे पड़े वो ज़मीं

जल रही है लोह कहाँ, बता?

वो मेरी दिल का है पता

क्या है सब से जुदा?

तेरी हर एक अदा

आशियाँ है कहाँ?

तेरा दीदार हो जहाँ

मेरी सारी रातों की चोरी छुपके से करली चाँद ने

छुपके से चाँद ने

आँखें बन के चकोरी सपनों की डोरी बाँध ले

दो-दो डोरी बाँध ले

रेशम के धागे सा नाज़ुक है क्या?

बहता ये लम्हा, पिया

मशहूर किसकी है ख़ुश-क़िस्मती?

तूने जिसे चुन लिया

मय से भी नशीली क्या चीज़ है?

तेरे होंठों की देहलीज़ है

ओढ़ लूँ मैं कौन सी ओढ़नी?

चंदा की रोशनी

ये मन कहे

मेरी सारी रातों की चोरी छुपके से करली चाँद ने

छुपके से चाँद ने

आँखें बन के चकोरी सपनों की डोरी बाँध ले

दो-दो डोरी बाँध ले

जंग जारी है क्यूँ बेवजह?

ज़िद्दी है सारी फ़िज़ा

भर लूँ तुझे अपनी बाँहों में तो?

हो जाऊँगी मैं तबाह

रब से माँगोगी क्या दुआ?

साथ तेरे मेरी हर सुबह

परछाइयाँ जो रूठे तो?

शाम लेंगे ज़रा

मेरी सारी रातों की चोरी छुपके से करली चाँद ने

छुपके से चाँद ने

आँखें बन के चकोरी सपनों की डोरी बाँध ले

दो-दो डोरी बाँध ले

- It's already the end -