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गरज-गरज आज मेघ
घनन-घनन छायो रे
दमक-दमक चमके बिजुरी
कहत है ऋतुराज आयो
कहत है ऋतुराज आयो
कहत है ऋतुराज आयो री
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इस रुत के संग रंगी हरित रंग में धरा
सब बिहंग आज दंग देख रंग ये हरा
इस ऋतु में आज तू भी अंग-अंग रंग ले
तार की झंकार छेड़, संग में मृदंग ले
घुमण-घुमण काली घटा रौद्र रूप धर-धर के
धरती को रोम-रोम धड़के, धड़के, धड़के
गरज-गरज आज मेघ
घनन-घनन छायो रे
दमक-दमक चमके बिजुरी
कहत है ऋतुराज आयो
कहत है ऋतुराज आयो
कहत है ऋतुराज आयो री