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ख़ामोशी ने यूँ ही
दिल तड़पाया तेरा
क्यूँ आती तेरी आवाज़ें?
आख़िर में क्या है तेरा प्यार?
कोई ख़्वाब सा है दिल में तू
ये लम्हे जुदा हो रहे
हैं क्यूँ फ़ासले तेरे-मेरे ये दरमियाँ?
हूँ गुमशुदा ख़यालों में
ऐसा क्यूँ है मन मेरे खोजे तुझको १०० दफ़ा?
लापता सा जा फिरे इस जहाँ से
हाँ, ऐसा क्यूँ करूँ भला? क्यूँ मैं तेरा हौसला
खोजूँ सारी आस और रज़ा से?
कोई ख़्वाब सा है दिल में तू
ये लम्हे जुदा हो रहे
हैं क्यूँ फ़ासले तेरे-मेरे ये दरमियाँ?
हूँ गुमशुदा ख़यालों में