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देखा तुम को जबसे, तुम पे प्यार आ गया
जितनी बार देखा, उतनी बार आ गया
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देखा तुम को जबसे, तुम पे प्यार आ गया
जितनी बार देखा, उतनी बार आ गया
कि तेरे संग बीत जाए मेरी ज़िंदगी सारी
जैसे जुड़ी हों साँसों से हवाएँ
बूँदें बरसाई हैं रब ने या चाहत बरसाई है?
पहली बार हुई हो जैसे ऐसी बारिश आई है
मेरे भी दिल की गलियों में आज मोहब्बत आई है
पहली बार हुई हो जैसे ऐसी बारिश आई है
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उम्र-भर वफ़ाएँ होंगी, बे-ख़तम दुआएँ होंगी
बस वहीं निगाहें होंगी तू दिखे मुझे जहाँ
जो मिले वो क़िस्मत होगी, ना कभी शिकायत होगी
जब मेरी ज़रूरत होगी, मैं भी हूँ वहाँ
जश्न ये इश्क़ का दिखा दो आसमानों को
मेरे चाँद की है मुझ से मुँह-दिखाई
शहर सजा दो, यारों, महफ़िल में ख़ुद जन्नत आई है
पहली बार हुई हो जैसे ऐसी बारिश आई है
बूँदें बरसाई हैं रब ने या चाहत बरसाई है?
पहली बार हुई हो जैसे ऐसी बारिश आई है
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फिर ऐसी बारिश आई है