00:00
02:58
रातें अधूरी सी लगने लगी हैं
तू जो ख़फ़ा है, पिया
देखूँ सिरहाने मैं, ना तू, ना साँसें हैं
लागे ना मोरा जिया
रूठे हैं सैयाँ मोसे, कैसे मनाऊँ?
पा के जो खोया हमने क्या मैं बताऊँ
दिल पे जो बीती, हाय, क्या समझाऊँ
हर एक पल बिन तेरे कैसे बिताऊँ?
सेजिया से सैयाँ रूठ गइले, हो, रामा
तरपत-तरसत बीती मोरी रतियाँ
♪
सुबह सवेरों में ढूँढूँ तुझी को मैं
क्यूँ मिल ना पाए, पिया?
ढलती इन शामों में तारों सी खोई मैं
ये क्या जुलम है, पिया?
रूठे हैं सैयाँ मोसे, कैसे मनाऊँ?
पा के जो खोया हमने क्या मैं बताऊँ
दिल पे जो बीती, हाय, क्या समझाऊँ
हर एक पल बिन तेरे कैसे बिताऊँ?
सेजिया से सैयाँ रूठ गइले, हो, रामा
तरपत-तरसत बीती मोरी रतियाँ