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Moh - Adarsh Rao

Moh

Adarsh Rao

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03:20

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Lyric

ख़्वाबों के सिरहाने में ये बात है

दिल की आहट मैं हूँ ना मुझे याद है

तुम आए नफ़्ज़ों में ना बेहाल मैं

मिलकर सो जाएँ अब तो जब साथ हैं

मोह-मोह लायो, मोह-मोह लायो

मोह-मोह लायो रे, मोह-मोह लायो

शामों से रातें आयी जज़्बात की

तुमसे मिलने को चाहें, फ़िर ना रुके

आँखें हों नम क्यूँ? मेरी बैराग मैं

तारे गिन आएँ अब तो जब रात है

मोह-मोह लायो, मोह-मोह लायो

मोह-मोह लायो रे, मोह-मोह लायो

- It's already the end -