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कौन है वो दुनिया में जो तुझे मुझसे बढ़कर चाहने लगा?
जिसके लिए तू हाथ मेरा एक पल में छोड़ के जाने लगा
कौन है वो दुनिया में जो तुझे मुझसे बढ़कर चाहने लगा?
जिसके लिए तू हाथ मेरा एक पल में छोड़ के जाने लगा
तुम सोच-समझकर चाहो उसे
एक दिन मुझसे मिलवाओ उसे
मैं भी तो देखूँ प्यार में वो क्या कर सकता है
क्या वो जो भी कहता है वो सच में कर सकता है?
क्या मेरी तरह वो तुझ पर हँस के मर सकता है?
क्या वो जो भी कहता है वो सच में कर सकता है?
क्या मेरी तरह वो तुझ पर हँस के मर सकता है?
हँस के मर सकता है
♪
बहुत फ़र्क़ होता है यूँ साथ मुस्कुराने में
हाथ थामने में और ज़िंदगी बिताने में
जीने-मरने की बातें कर के भूल जाते हैं
क्या किसी का जाए झूठे ख़्वाब १०० दिखाने में
तुम गलियों में अपनी बुलाओ ज़रा
मेरे जितने काँटे बिछाओ ज़रा
बिना उफ़ किए क्या इन पे वो भी गुज़र सकता है?
क्या वो जो भी कहता है वो सच में कर सकता है?
क्या मेरी तरह वो तुझ पर हँस के मर सकता है?
क्या वो जो भी कहता है वो सच में कर सकता है?
क्या मेरी तरह वो तुझ पर हँस के मर सकता है?
अब याद रखेगा कौन किसे, ये वक्त को तय कर लेने दे
कर दे खुशियों की बारिश उस पर, आँख मुझे भर लेने दे
ना शोर हुआ, आवाज़ हुई जब-जब दिल सच्चा टूटा है
पूछो सबसे, सबको अपने चाहने वालों ने लूटा है
ना आस रहे, ना साँस रहे, हम भी पत्थर हो जाएँगे
तुम हो जाओ ग़ैरों के, हम तो ख़ुद के ही ना हो पाएँगे, हो पाएँगे
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तेरी धड़कनों के ज़रिए मैं भी तो धड़कती हूँ
तुझे कैसे दिल से मेरे दूर कर सकती हूँ?
जैसी भी हों राहें चाहे, हाँ, मैं चल सकती हूँ
तुझे देखकर जीती हूँ, तुझ पे मर सकती हूँ
तुझ पे मर सकती हूँ
तुझ पे मर सकती हूँ, तुझ पे मर सकती हूँ