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तू कोई और है, जानता है तू
सामने इस जहान के इक नक़ाब है
तू और है, कोई और है
क्यूँ नहीं, वो जो है?
तू जहाँ के वास्ते खुद को भूल कर
अपने ही साथ ना ऐसा ज़ुल्म कर
खोल दे वो गिरह जो लगाए तुझपे तू
बोल दे, तू कोई और है
चेहरे जो ओढ़े तूने वो
तेरे कहाँ हैं?
सामने आ, खोल दे सब
जो है दिल में बोल के अब
सामने आ, खोल दे सब
जो है दिल में बोल के अब
तेरे रास्ते, ख़्वाब हैं तेरे
तेरे साथ जो उम्र-भर चले
ओ, इन्हें गले लगा, तू कौन है बता?
ओ, खोल दे ये गिरह
♪
तू कोई और है, तेरी ना हदें
आसमाँ है, ख़याल है, बेमिसाल है
तू मौज है, तू रौनक़ें
चाहे जो, वो है