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ताश चुनूँ, ना तेरे वादे चुनूँ
लाख लिखूँ, ना तेरे बारे लिखूँ
मतलबी ये फ़िज़ा है, सजनी
मतलबी तेरा साथ, सजनी
साँझ तलक वादे करे
रातों में यादें बुनी
सहर नयी काली
फ़िर भी रह गई
वफ़ा तेरी जलाए ऐसे
दग़ा दे सताए ऐेसे
कि शमा भी गल जाए
तेरे लिए, तेरे लिए
ताश चुनूँ, ना तेरे वादे चुनूँ
लाख लिखूँ, ना तेरे बारे लिखूँ
मतलबी ये फ़िज़ा है, सजनी
मतलबी तेरा साथ, सजनी