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गुमशुदा, ढूँढने चला हर जगह
हमारी ख़्वाहिशों का जहाँ, जो हो गया है गुमशुदा
अनजान शहर ये लगने लगा
तुझे ढूँढें आँखें मेरी हर जगह
मैं रेत सा हूँ यहाँ ठहरा हुआ
बन के लहर तू आजा यहाँ
एक पल के लिए ले जा मुझे
इस नाज़ुक से दिल के ही वास्ते
एक पल के लिए ले जा मुझे
जहाँ तू और मैं हुए थे
गुमशुदा, ढूँढने चला हर जगह
हमारी ख़्वाहिशों का जहाँ, जो हो गया है गुमशुदा
गुमशुदा जो तारों में कभी था लिखा
याद बन के क्यूँ रह गया? हो गया है गुमशुदा
आज भी मुझको है ये यक़ीं
कभी ना कभी वापस तू लौट आएगी
आसमानों में रंग खिल उठेंगे
नदियाँ फिर से बहने लगेंगी
हम दोनों तो मिल के रहेंगे
इस सफ़र में तो तू ही है राही
एक पल के लिए ले जा मुझे
इस नाज़ुक से दिल के ही वास्ते
एक पल के लिए ले जा मुझे
जहाँ तू और मैं हुए थे
गुमशुदा, ढूँढने चला हर जगह
हमारी ख़्वाहिशों का जहाँ, जो हो गया है गुमशुदा
गुमशुदा जो तारों में कभी था लिखा
याद बन के क्यूँ रह गया? हो गया है गुमशुदा
इन्हीं आँखों में आँखें मिला के
जीना चाहूँ मैं ज़िंदगी सारी
यादों का ये समुंदर क्यूँ खींचे?
जब जानूँ, कहानी ना बाक़ी
एक पल के लिए ले जा मुझे
इस नाज़ुक से दिल के ही वास्ते
एक पल के लिए ले जा मुझे
जहाँ तू और मैं हुए थे गुमशुदा