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Shor - Arijit Anand

Shor

Arijit Anand

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03:46

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Lyric

आज शोर मेरा ना सुने है जहाँ

कल सुनेगा मेरे सन्नाटे भी

आज राह मेरी मैं चलूँ तन्हा

कल चलेगी मेरे संग भीड़ भी

वक्त बीतेगा ही, इसको है बीतना

आसमाँ दो मुझे, उस पे है लिखना

आँधियाँ आएँगी, मुझको ले जाएँगी

उस शहर में, जहाँ है मुझे रहना

जिस शहर में खुशी मुफ़्त में है मिले

आँसुओं की वजह हो सुकूँ

मर्ज़ियाँ ही चलें, रोक-टोक ना हो

दिल करे जो करूँ, ना रुकूँ

गूँजा सा मैं तारा हूँ, रो रहा बेचारा यहाँ

हूँ मैं ज़मीं पे, मगर घर आसमाँ

मेरी जो कहानी है, सबको ही सुनानी मुझे

दिल में मेरे कब तक इन्हें रखूँगा मैं?

जग-जग के रातें बिताई

चंदा से करके लड़ाई

है क्यूँ तू बैठा वहाँ पे?

तू तो है मेरी जगह पे

आज शोर मेरा ना सुने है जहाँ

कल सुनेगा मेरे सन्नाटे भी

आज राह मेरी मैं चलूँ तन्हा

कल चलेगी मेरे संग भीड़ भी

- It's already the end -