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दिल के इशारे क्यूँ तू ना समझे?
नज़दीकियाँ होने दे ज़रा
♪
दिल के इरादे कह दूँ मैं कैसे?
तू जो रूठी तो होगी ख़ता
क्या करूँ, तू ही बता
क्या करूँ, तू ही बता
♪
तेरी परवाह हर लम्हा
हिफ़ाज़त की माँगे दुआ
तेरे दिल में थोड़ी सी जगह
माँगूँ तो होगी क्या तू ख़फ़ा?
हाल बेहाल है बिचारे दिल का
अब ना तू और सता
क्या करूँ, तू ही बता
दुआएँ सारे तुझ पे लुटा दें
दिल ये शरीफ़ है बड़ा
तू 'गर मिली जो मुझको दुआओं में
यक़ीं ये होगा कि होता ख़ुदा
क्या करूँ, तू ही बता
क्या करूँ, तू ही बता
क्या करूँ, तू ही बता
क्या करूँ, तू ही बता