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Zohrajabeen - B Praak

Zohrajabeen

B Praak

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03:54

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Lyric

ज़ोहरा-जबीं

ज़ोहरा-जबीं

ज़ोहरा-जबीं

ज़ोहरा-जबीं

ख़ून तेरी यादों के, ख़ून तेरी बातों के

ख़ून तेरी शामों के, ख़ून तेरी रातों के

ख़ून मेरे सपनों के, ख़ून मेरी चाहतों के

ग़ौर से तू देख, ख़ून लगा तेरे हाथों पे

ज़ोहरा-जबीं, कोई महफ़िल नहीं

जिस महफ़िल में ख़ून हमने थूके नहीं

ज़ोहरा-जबीं, तेरे आशिक़ थे

तेरे आशिक़ हैं, तेरे पैरों के जूते नहीं

ज़ोहरा-जबीं

ये तू किस देवते को बलियाँ चढ़ाए मेरी?

पता नहीं लगता गर्दन पे वार का

तू और तेरे शहर के लोग सारे

यार बना के ख़ून पीते हैं यार का

जान कोई मुर्दों में फूके नहीं

हम तेरे जैसा, यार, छूते नहीं

तू ही था झूठा, हम झूठे नहीं

ज़ोहरा-जबीं, कोई महफ़िल नहीं

जिस महफ़िल में ख़ून हमने थूके नहीं

ज़ोहरा-जबीं, तेरे आशिक़ थे

तेरे आशिक़ हैं, तेरे पैरों के जूते नहीं

ज़ोहरा-जबीं

आँखें फोड़ देती है, दिल निचोड़ देती है

याद तेरी दिल नहीं, हड्डियाँ तोड़ देती है

तू नहीं छोड़ता किसी को यहाँ

इक घर तो, Jaani, चुड़ैल छोड़ देती है

उसे नहीं पता, बुरी बहुत ही होती है

जिगर के आर-पार चोट ही होती है

आम कोई होता तो बच जाती ज़िंदगी

शायर से बेवफ़ाई, मौत ही होती है

मेरे ही साँप थे पाले, सनम

मुझको ही छोड़ जाने वाले, सनम

जैसे मैं टूटा, काँच टूटे नहीं

ज़ोहरा-जबीं, कोई महफ़िल नहीं

जिस महफ़िल में ख़ून हमने थूके नहीं

ज़ोहरा-जबीं, तेरे आशिक़ थे

तेरे आशिक़ हैं, तेरे पैरों के जूते नहीं

ज़ोहरा-जबीं

ज़ोहरा-जबीं

- It's already the end -