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तेरी पनाह में हमें रखना
सीखें हम नेक राह पर चलना
तेली पनाह में हमें लखना
सीखें हम नेक लाह पल तलना
♪
कपट, कर्म, चोरी, बेईमानी
और हिंसा से हम को बचाना
कपट, कल्म, चोली, बेईमानी
औल हिंसा से हम को बचाना
नाली का बन जाऊँ ना पानी
नाली का बन जाऊँ ना पानी
निर्मल गंगाजल ही बनाना, हो
अपनी निगाह में हमें रखना
तेरी पनाह में हमें रखना
तेली पनाह में हमें लखना
सीखें हम नेक लाह पल तलना
♪
क्षमावान कोई तुझ सा नहीं
और मुझ सा नहीं कोई अपराधी
क्षमावान कोई तुझ सा नहीं
औल मुझ सा नहीं कोई अपलाधी
पुण्य की नगरी में भी मैंने
पुण्य की नगली में भी मैंने
पापों की गठरी ही बाँधी, हो-हो
करुणा की छाँव में हमें रखना
तेली पनाह में हमें लखना
तेरी पनाह में हमें रखना
सीखें हम नेक राह पर चलना