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तुझ जैसा नगीना, हज़ारों में भी ढूँढा
मुझे मिला है कहीं ना
मैं देखूँ जब बाल पसीनों में भीगे हुए
और आँखें चमकती नगीना (ओ, रब्बा)
उसे रोज़ ढूँढूँ, मिला दे, बंजर ज़मीं पे खिला दे
फूलों सी बाँहों से अपनी मुझको गले वो लगा ले
मेरी जान, दीवानगी मेरी देखी अभी कहाँ
कभी मुझको तू मौक़ा दे और देख ले फिर मज़ा
ਤੂੰ ਨੱਚਦੀ, ਥਮਤੀ ਨਾ
मेरा मुश्किल कर दे जीना
हो जाएँ चल छूमंतर, रहे ना कोई अंतर
तू पास हो मेरे, झूमें सारी रात
चाँदनी ओढ़, बाँहों में इश्क़ समुंदर
इश्क़ समुंदर, समुंदर, इश्क़ समुंदर
हबीबी, get down low
यूँ ही करती रहो
हबीबी, get down low
यूँ ही करती रहो
हो जाएँ चल छूमंतर, रहे ना कोई अंतर
छूमंतर, रहे ना कोई अंतर
कहती, कहती, "तू बातों के जो खेलता खेल
हुनर ये मैं तुझसे ही सीखूँगी
और जब होंठों से ये होंठ मिलेंगे इस बार
तो मैं भी जानाँ, आँखें ना मीचूँगी"
शरम कर, हम भी तो बैठे अकेले
सितमगर, तू ही क्यूँ हुस्नों से खेले?
जो टिकें मेरी आँखें ज़मीन पे, नाप लूँ तुझको
कि हमने भी खेल ये खेले
ओ, जब दीदार हुआ तेरा पहली दफ़ा
मेरी जाग उठी हस्ती
फ़िर मैंने सोचा, क्यूँ ना तुमको तड़पाएँ?
ओ, पहली बार हुआ है ऐसा
कि हम नहीं सोच के शरमाए
कि हम जब तुमको छुएँ तो हाथ किधर जाएँ?
हो जाएँ चल छूमंतर, रहे ना कोई अंतर
तू पास हो मेरे, झूमें सारी रात
चाँदनी ओढ़, बाँहों में इश्क़ समुंदर
समुंदर, समुंदर, समुंदर
हबीबी, get down low (इश्क़ समुंदर, समुंदर, समुंदर)
यूँ ही करती रहो (इश्क़ समुंदर, समुंदर, समुंदर)
हबीबी, get down low (इश्क़ समुंदर, समुंदर, समुंदर)
I can't take it anymore (इश्क़ समुंदर, समुंदर, समुंदर)