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‘अल्फाजन की तरह’ फिल्म ‘रॉकी हैंडसम’ का एक सुंदर गीत है जिसे अंकित तिवारी ने गाया है। यह गीत रोमांटिक और भावनात्मक लहरों के साथ प्रस्तुत किया गया है, जो फिल्म के मुख्य पात्रों के बीच के रिश्ते को दर्शाता है। संगीत निर्देशक विशाल-शेखर द्वारा इसकी धुन तैयार की गई है, और बोल कॉलेज प्रभुल ने लिखे हैं। इस गीत ने रिलीज़ के बाद दर्शकों का दिल जीता और संगीत प्रेमियों में काफी लोकप्रियता हासिल की। इसके शानदार संगीत और मधुर आवाज़ ने इसे भारतीय फिल्म संगीत में एक पसंदीदा स्थल दिलाया है।
तेरे सिवा किसको सोचूँ मैं?
मेरी सोच पे तुम बैठे हो
साँसें जहाँ बनती हैं मेरी
उस मोड़ पे तुम रहते हो
♪
तेरे सिवा किसको सोचूँ मैं?
मेरी सोच पे तुम बैठे हो
साँसें जहाँ बनती हैं मेरी
उस मोड़ पे तुम रहते हो
तू मेरे अल्फ़ाज़ों की तरह
तू मेरे लिहाज़ों की तरह
गुनगुना लूँ आजा मैं तुझे
तू मेरी आवाज़ों की तरह
♪
मेरे हाथों से जो अदा हो
उस दुआ की चाह तू
गुज़रे जो रब के यहाँ से
वो जन्नती सी राह तू
सजदा तुम्हें १०० दफ़ा करूँ
उस रब की तरह दिखते हो
साँसें जहाँ बनती हैं मेरी
उस मोड़ पे तुम रहते हो
तू मेरे अल्फ़ाज़ों की तरह
तू मेरे लिहाज़ों की तरह
गुनगुना लूँ आजा मैं तुझे
तू मेरी आवाज़ों की तरह
♪
ख़ाबों के लबों पे तू ही था रुका
या तेरा नाम था
नींदें मेरी ढूँढती रही तुझे
तू कहीं गुमनाम था
लगता हूँ मैं तेरे हूबहू
और तुम भी मेरे जैसे हो
साँसें जहाँ बनती हैं मेरी
उस मोड़ पे तुम रहते हो
ओ, तू मेरे अल्फ़ाज़ों की तरह
तू मेरे लिहाज़ों की तरह
गुनगुना लूँ आजा मैं तुझे
तू मेरी आवाज़ों की तरह