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दरमियाँ फ़ासले
क्यूँ हुए ये बता?
आज भी शाम वो
ख़ाब वो याद आएँ मुझे
♪
तेरे बिन कहीं चैन आता नहीं
तेरे बिन कहीं दिल ये गाता नहीं
याद भी तेरी याद है बन गई
धड़कनें भी अब मेरी थम गईं
♪
ऐ ख़ुदा, जन्नत जहाँ को बना दे
ऐ ख़ुदा, बाँहों में अपनी पनाह दे
♪
पलकों में अपनी बिठा कर
साँसों में अपनी बसा कर
चाहा था तुझ को, ओ, जानाँ
ख़ुद से ख़ुद ही को भुला कर
तेरे बिन कहीं चैन आता नहीं
तेरे बिन कहीं दिल ये गाता नहीं
याद भी तेरी याद है बन गई
धड़कनें भी अब मेरी थम गईं
♪
बिखरी सी तनहाइयों में
यादों की गहराइयों में
डूबा हुआ इस क़दर मैं
लमहों की परछाइयों में
♪
याद भी तेरी याद है बन गई
धड़कनें भी अब मेरी थम गईं
(थम गईं, थम गईं, थम गईं, थम गईं)