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मैंने नहीं जाना, तूने नहीं जाना
जाने-अंजाने जो हुआ
कुछ तो हुआ जो मुझको हुआ ना
तुझको मगर क्यूँ हुआ?
हो, साँसें खो गई हैं किसकी आहों में?
मैं खो गई हूँ जाने किसकी बाँहों में
मंज़िलों से राहें ढूँढती चली
खो गई है मंज़िल कहीं राहों में
सब कुछ वही है (सब कुछ वही है)
पर कुछ कमी है (पर कुछ कमी है)
तेरी आहटें नहीं हैं, नहीं हैं
जाने ना कहाँ वो दुनिया
जाने ना वो है भी या नहीं
जहाँ मेरी ज़िंदगी
मुझ से इतनी ख़फ़ा नहीं
हो, जाने ना कहाँ वो दुनिया
जाने ना वो है भी या नहीं
जहाँ मेरी ज़िंदगी
मुझसे इतनी ख़फ़ा नहीं
♪
हो, छोटी-छोटी बातें
यूँ ही आते-जाते यादें सहला के जाती हैं
रातों को सिरहाने
बासी मुस्कानें मुझको सुला के जाती हैं
मिलना नहीं है मुमकिन, इतना बताओ लेकिन
हम फिर मिले क्यूँ हैं?
तुझको बुला ना पाऊँ, तुझको भुला ना पाऊँ
ये सिलसिले क्यूँ हैं?
होगी जहाँ सुबह तेरी पलकों की किरणों में
लोरी जहाँ चाँद की सुन तेरी बाँहों में
कहीं तो, कहीं तो होगी वो दुनिया
जहाँ तू मेरे साथ है
जहाँ मैं, जहाँ तू और
जहाँ बस तेरे-मेरे जज़्बात हैं
♪
तेरी आहटें नहीं हैं, आहटें नहीं हैं, तेरी आहटें नहीं हैं
जहाँ मेरी ज़िंदगी (तेरी आहटें नहीं हैं)
मुझसे इतनी ख़फ़ा नहीं (आहटें नहीं हैं, तेरी आहटें नहीं हैं)
कहती है फ़िज़ा, जहाँ मेरी ज़मीं-आसमाँ
जहाँ है तू, मेरी हँसी, मेरी ख़ुशी, मेरी जाँ