00:00
04:27
जोवा मैं जोवा थारी वाट, सजणा
कद थे आ बलमा जी, सजणी
सजणी, तुम मत जाणियो, प्रीत किए दुखी हो
नगर ढंढोरा पीटती, प्रीत ना करियो
पत्थर के इन रस्तों पे, फूलों की इक चादर है
जब से मिले हो हमको, बदला हर एक मंज़र है
आओ, खो जाएँ हम, हो जाएँ हम यूँ लापता
आओ, मीलों चलें जाना कहाँ ना हो पता!
क्या मुझे प्यार है या कैसा ख़ुमार है या
क्या मुझे प्यार है या कैसा ख़ुमार है या
♪
बैठें-बैठें ऐसे कैसे कोई रस्ता नया सा मिले
तू भी चले मैं भी चलूँ होंगे कम ये दबी फ़ासले
तेरे ही सपने अँधरों में, उजालों में
कोई नशा है तेरे आँखों के प्यालों में
तू मेरे ख़्वाबों में, जवाबों में, सवालों में
हर दिन चुरा तुम्हें मैं लाती हूँ ख़्यालों में
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते, हाँ
मंज़िल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते (ये रास्ते)
♪
थाने कईं-कईं मैं समझाऊँ
थाने कईं-कईं मैं समझाऊँ
के थारे बिना जी ना लागे
के थारे बिना जी ना लागे
तुम क्यूँ चले आते हो हर रोज़ इन ख़ाबों में?
चुपके से आ भी जाओ इक दिन मेरी बाहों में
आओ, तेरा-मेरा ना हो किसी से वास्ता
आओ, मीलों चलें जाना कहाँ ना हो पता!
हम जो चलने लगे, चलने लगे हैं ये रास्ते, हाँ
मंज़िल से बेहतर लगने लगे हैं ये रास्ते
क्या मुझे प्यार है?
क्या मुझे प्यार है?
क्या मुझे प्यार है?
क्या मुझे प्यार है?