00:00
03:25
(बथेला कमर)
(दिहल ह दरदिया)
(दिहल ह दरदिया)
♪
(काहे एतना पीड़ा होता?)
(चाल-चलन धीरा होता)
(काहे एतना पीड़ा होता?)
(चाल-चलन धीरा होता)
परती जमीनिया बुझ के जोतले बा हर
पियवे के दिहल ह दरदिया
मीठा-मीठा बथेला कमर
पियवे के दिहल ह दरदिया
मीठा-मीठा बथेला कमर
पियवे के दिहल ह दरदिया
(बथेला कमर)
(दिहल ह दरदिया)
♪
होता दिक्कताई हमरा, उठल ना बइठल जाला
भाला खानी छेदऽ तावे, देहियो ना अइठल जाला
(त धराई दिहीं का? हो, दबाई दिहीं का?)
(अभी कहऽ त तेलवा लगाई दिहीं का)
ओढ़ना-बिछवना नाहीं रहे गुदगर
पियवे के दिहल ह दरदिया
मीठा-मीठा बथेला कमर
पियवे के दिहल ह दरदिया
मीठा-मीठा बथेला कमर
पियवे के दिहल ह दरदिया
♪
(दिहल ह दरदरिया)
♪
बूझे ना Khesari दुखवा, Krishna Bedardi
रातवे से पियऽ तानी दूधवा आ हरदी
(अभी हेले के परी, खेला-खेले के परी)
(ए-हो, बेलना प खर रोटी बेले के परी)
हम अबहीं लइका बानी, ऊ बसे नियर
पियवे के दिहल ह दरदिया
मीठा-मीठा बथेला कमर
पियवे के दिहल ह दरदिया
मीठा-मीठा बथेला कमर
पियवे के दिहल ह दरदिया
(दिहल ह दरदिया)