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मैं सोचूँ हर घड़ी, के तू ना हो तो मैं नहीं
दुनिया से लड़ पड़ता मैं, तुझपे आके हूँ सही
फिरता हर रात मैं, हर बात क्यूँ लगती नयी?
क्यूँ बैठूँ चुप ऐसे, क्या है ये जादूगरी?
के दिल मेरा बुनता है दुनिया एक अपनी सी
दिल कभी छुप जाए ख़्वाबों में तेरे ही
परछाइयों में भी देखता हूँ तुझको ही
गहराइयाँ दिल की गुनगुनाती हैं धुन तेरी
परछाइयों में भी देखता हूँ तुझको ही
कह दूँ दुनिया से भी "तू किस्मत है मेरी", hmm, hmm, hmm
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तेरे आने से मैंने जाने हैं सब रास्ते
जाना मैंने ख़ुद को, मिटाए ख़ुद से फ़ासले
तू जब भी हो ख़फ़ा, ख़ुशियों से भर दूँ राहें मैं
मिलने के तुझसे करता-फिरता हूँ बहाने मैं
के दिल मेरा चुनता है हर राहें तुझ तक जो ले जाएँ
थम जाएँ ख़्यालों में तेरे ही
परछाइयों में भी देखता हूँ तुझको ही
गहराइयाँ दिल की गुनगुनाती हैं धुन तेरी
परछाइयों में भी देखता हूँ तुझको ही
कह दूँ दुनिया से भी "तू किस्मत है मेरी"
कह दे तू दिल तेरा, कहने से जो घभराए
बिन बोले, बिन पूछे, मुझको तुझ तक ले जाए
कह दे तू दिल तेरा, कहने से जो घभराए
बिन बोले, बिन पूछे, क्यूँ तुझ तक ले जाए?
परछाइयों में भी देखता हूँ तुझको ही
गहराइयाँ दिल की गुनगुनाती हैं धुन तेरी
परछाइयों में भी देखता हूँ तुझको ही
कह दूँ दुनिया से भी "तू किस्मत है मेरी"
परछाइयों में भी देखता हूँ तुझको ही
गहराइयाँ दिल की गुनगुनाती हैं धुन तेरी
परछाइयों में भी देखता हूँ तुझको ही
कह दूँ दुनिया से भी "तू किस्मत है मेरी", hmm, hmm, hmm