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Rahguzar - Bhuvan Bam

Rahguzar

Bhuvan Bam

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04:10

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Lyric

भीड़ में है मन क्यूँ अकेला?

घुल मिल गये हैं अंजान चेहरे

कौन है अब मेरा बसेरा?

तू जो नही है अब साथ मेरे

'गर आना है तो जल्दी चले आ

रूठा खड़ा हूँ दरवाज़े पे

गये क्यूँ मगर मेरे हमसफर?

जहाँ का मुश्किल मिलना पता

मेरे दिल ज़रा उसी राहगुज़र

पे ले चल मुझे फिर इक दफा

रात की जागी आँखों ने देखा सवेरा

बीते ना जाने ऐसे कितने महीने

चुभन, घुटन है मन के मेरे सगे यार

छोड़े ना छूटे ऐसे जिगरी कमीने

खुदा से मेरे है मेरी इल्तिजा

तुझसे मिला दे या खुद से

गये क्यूँ मगर मेरे हमसफर?

जहाँ का मुश्किल मिलना पता

मेरे दिल ज़रा उसी राहगुज़र

पे ले चल मुझे फिर इक दफा

'गर आना है तोह जल्दी चला आ

रूठा खड़ा हूँ दरवाज़े पे

- It's already the end -