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क्या कमी है मेरे जज़्बातों में?
घबराए मेरा मन इन रातों में
मिलते हैं हम जैसे कई इन बाज़ारों में
जलते हैं यादों के दीए इन मज़ारों में
कह दूँ मैं तुम्हें या करूँ मैं ये गिले?
रोके हैं मुझको यादों के क़ाफ़िले
उम्मीदों के बोझ से चल रही
काग़ज़ की नाव है
काग़ज़ की नाव है
काग़ज़ की नाव है
काग़ज़ की नाव है
♪
"ख़ुदगर्ज़" मैं कहूँ या मैं कहूँ "हमनशीं"?
ये क्या एहसास है?
हालातों से वाक़िफ़, फ़िर भी अरमानों में दबी
दिल की आवाज़ है
मिलते हैं हम जैसे कई इन बाज़ारों में
जलते हैं यादों के दीए इन मज़ारों में
मिलते हैं हम जैसे कई इन बाज़ारों में (बाज़ारों में)
जलते हैं यादों के दीए इन मज़ारों में (मज़ारों में)
कह दूँ मैं तुम्हें या करूँ मैं ये गिले?
रोके हैं मुझको यादों के क़ाफ़िले
उम्मीदों के बोझ से चल रही
काग़ज़ की नाव है
काग़ज़ की नाव है
काग़ज़ की नाव है
काग़ज़ की नाव है