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(और कभी आयो रे)
♪
कब से? कब से? कब से?
मैं हूँ तेरा जब से
मेरे दिल की ये ख़ामोशी
कहूँ क्या तुझसे या रब से?
है मेरे दिल के चाँद अब तेरी ओर (के सियालो आयो रे)
जज़्बात लाए तुझे मेरी ओर (के चौमासो लाग्यो रे)
तुझको ख़्यालों में ढूँढूँ क्या हो?
जब मैं ही खो गया
बातें बना के ना
हो, रातों की नींद उड़ाई है
मन कहीं लागे ना
तू आँखों में रूनी सी आई है
(के सियालो आयो रे)
(के चौमासो लाग्यो रे)
(के सियालो आयो रे)
(के चौमासो लाग्यो रे)
♪
मुझमें, मुझमें, मुझमें
तू है बसा मुझमें
ढूँढा तुझको मैं सारा
दिखता नहीं हूँ तुझे मैं
है मेरे दिल के चाँद अब तेरी ओर (के सियालो आयो रे)
जज़्बात लाए तुझे मेरी ओर (के चौमासो लाग्यो रे)
मैं हूँ सवाल क्यूँ पूछता? हो
ख़ुद को है ना पता
बातें बना के ना
हो, रातों की नींद उड़ाई है
मन कहीं लागे ना
तू आँखों में रूनी सी आई है
(के सियालो आयो रे)
(के चौमासो लाग्यो रे)
(के सियालो आयो रे)
(के चौमासो लाग्यो रे)