background cover of music playing
Yeh Shaam - Shubham Kabra

Yeh Shaam

Shubham Kabra

00:00

03:54

Song Introduction

इस गाने के बारे में अभी तक कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

Similar recommendations

Lyric

ये रोशनी चिराग़ है

पन्नों पे लिखी जो बात है

ये पढ़ के ना समझ सकूँ

मैं क्या करूँ? हाँ, क्या करूँ?

ये रिश्ते भी तो राख हैं

इस शाम का क्या मिज़ाज है?

लबों पे जो आई थी बात है

किसे कहूँ? ये कोई सुनाए मुझे

अकेला था, अकेला है

अकेला ही जाएगा कहीं

ये शाम अकेली है, अकेली थी

अकेली ही ढल जाएगी अभी

ये चार दीवारी नाम है

आने वाला कोई तूफ़ान है

बंजर ये ज़मीं-आसमान है

मैं रो ना सकूँ और हँस ना सकूँ

ये नींद भी एक ख़्वाब है

टूटता-गिरता आज है

कहीं दूर छिपा कोई राज़ है

बताऊँ किसे? ये कोई बताए मुझे

अकेला था, अकेला है

अकेला ही जाएगा कहीं

ये शाम अकेली है, अकेली थी

अकेली ही ढल जाएगी अभी

कि तू अकेला था, अकेला है

अकेला ही जाएगा कहीं

ये रात अकेली है, अकेली थी

अकेली ही डूब जाएगी अभी

थम जाएगी यूँ ही

रुक जाएगी अभी

ढल जाएगी यूँ ही

- It's already the end -