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आँखों में जल रहा है, क्यूँ बुझता नहीं धुआँ?
आँखों में जल रहा है, क्यूँ बुझता नहीं धुआँ?
उठता तो है घटा सा, बरसता नहीं धुआँ
आँखों में जल रहा है, क्यूँ बुझता नहीं धुआँ
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चूल्हे नहीं जलाए या बस्ती ही जल गई?
चूल्हे नहीं जलाए या बस्ती ही जल गई?
कुछ रोज़ हो गए हैं अब उठता नहीं धुआँ
कुछ रोज़ हो गए हैं अब उठता नहीं धुआँ
आँखों में जल रहा है, क्यूँ बुझता नहीं धुआँ
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आँखों के पोछने से लगा आँच का पता
आँखों के पोछने से लगा आँच का पता
यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ
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आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ
उठता तो है घटा सा, बरसता नहीं धुआँ
आँखों में जल रहा है, क्यूँ बुझता नहीं धुआँ